September 22, 2023
11 11 11 AM
*ବୁଢାଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଦୁଃଖଦ କାହାଣୀ- ଜୟଶ୍ରୀ ଖଟୁଆ*
*ବୁଢ଼ାଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଅଦେଖା ପ୍ରେମର ଉଛ୍ୱାସ–ଲକ୍ଷ୍ମୀପ୍ରିୟା ବେହେରା*
*”ବୁଢ଼ାଶଙ୍ଖାରି” ,ଅନାବିଳ ବାତ୍ସଲ୍ୟ ପ୍ରେମର ଅନନ୍ୟ ଉଦାହରଣ- ଲିଜାରାଣୀ ପ୍ରଧାନ*
*କାନ୍ତ କବି ଲକ୍ଷ୍ମୀକାନ୍ତ ମହାପାତ୍ରଙ୍କ “ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି” ରେ ସମ୍ପର୍କ ର ମୂଲ୍ୟବୋଧ-ଦୀପାଳି ମେହେର*
*”ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି” ଏକ ଆଲୋଚନା –ସବିତା ପଟ୍ଟନାୟକ*
ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ଯୁବ ସାରସ୍ଵତ ସମାବେଶ ଆୟୋଜିତ
Allusion Of Amble – Manoj Kumar Panda
Allusions Of Finitely Infinite – Manoj Kumar Panda 
ALLUSIONS OF THE MESSAGES – Manoj Kumar Panda 
Allusions Of My Last Day – Manoj Kumar Panda 
ALLUSIONS OF BLOWN LIFE – Manoj Kumar Panda 
ALLUSIONS OF THE SOUL – Manoj Kumar Panda 
ALLUSIONS OF SILENCE KISSES- Manoj Kumar Panda 
Allusions of Volatility – Manoj Kumar Panda 
Allusions of hedonism – Manoj Kumar Panda
*ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି ଗଳ୍ପର ମାର୍ମିକ ଦୃଷ୍ଟିଭଙ୍ଗୀ–ଲକ୍ଷ୍ମୀପ୍ରିୟା ସେଠୀ*
*ବୁଢାଶଙ୍ଖାରି ଗଳ୍ପରେ ଗ୍ରାମଭୂମିର ଝଲକ–ରୁଦ୍ର ନାରାୟଣ ଦାଶ*
*କାନ୍ତକବି ଲକ୍ଷ୍ମୀକାନ୍ତ ମହାପାତ୍ର ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଭାବପ୍ରବଣତାର ଏକ ଶାଶ୍ଵତ ନିଦର୍ଶନ- ଶିବ ସେଠୀ**
କାନ୍ତକବି ଲକ୍ଷ୍ମୀକାନ୍ତ ମହାପାତ୍ରଙ୍କ ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଗଦ୍ୟାନୁପ୍ରାସ- ଜୀବନ ପ୍ରଦୀପ ପ୍ରଧାନ
ଗୁରୁ ଏବଂ ଶିକ୍ଷକ ମଧ୍ୟରେ ଅନେକ ଫରକ୍
Latest Post
*ବୁଢାଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଦୁଃଖଦ କାହାଣୀ- ଜୟଶ୍ରୀ ଖଟୁଆ* *ବୁଢ଼ାଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଅଦେଖା ପ୍ରେମର ଉଛ୍ୱାସ–ଲକ୍ଷ୍ମୀପ୍ରିୟା ବେହେରା* *”ବୁଢ଼ାଶଙ୍ଖାରି” ,ଅନାବିଳ ବାତ୍ସଲ୍ୟ ପ୍ରେମର ଅନନ୍ୟ ଉଦାହରଣ- ଲିଜାରାଣୀ ପ୍ରଧାନ* *କାନ୍ତ କବି ଲକ୍ଷ୍ମୀକାନ୍ତ ମହାପାତ୍ରଙ୍କ “ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି” ରେ ସମ୍ପର୍କ ର ମୂଲ୍ୟବୋଧ-ଦୀପାଳି ମେହେର* *”ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି” ଏକ ଆଲୋଚନା –ସବିତା ପଟ୍ଟନାୟକ* ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ଯୁବ ସାରସ୍ଵତ ସମାବେଶ ଆୟୋଜିତ Allusion Of Amble – Manoj Kumar Panda Allusions Of Finitely Infinite – Manoj Kumar Panda  ALLUSIONS OF THE MESSAGES – Manoj Kumar Panda  Allusions Of My Last Day – Manoj Kumar Panda  ALLUSIONS OF BLOWN LIFE – Manoj Kumar Panda  ALLUSIONS OF THE SOUL – Manoj Kumar Panda  ALLUSIONS OF SILENCE KISSES- Manoj Kumar Panda  Allusions of Volatility – Manoj Kumar Panda  Allusions of hedonism – Manoj Kumar Panda *ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି ଗଳ୍ପର ମାର୍ମିକ ଦୃଷ୍ଟିଭଙ୍ଗୀ–ଲକ୍ଷ୍ମୀପ୍ରିୟା ସେଠୀ* *ବୁଢାଶଙ୍ଖାରି ଗଳ୍ପରେ ଗ୍ରାମଭୂମିର ଝଲକ–ରୁଦ୍ର ନାରାୟଣ ଦାଶ* *କାନ୍ତକବି ଲକ୍ଷ୍ମୀକାନ୍ତ ମହାପାତ୍ର ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଭାବପ୍ରବଣତାର ଏକ ଶାଶ୍ଵତ ନିଦର୍ଶନ- ଶିବ ସେଠୀ** କାନ୍ତକବି ଲକ୍ଷ୍ମୀକାନ୍ତ ମହାପାତ୍ରଙ୍କ ବୁଢ଼ା ଶଙ୍ଖାରି ଏକ ଗଦ୍ୟାନୁପ୍ରାସ- ଜୀବନ ପ୍ରଦୀପ ପ୍ରଧାନ ଗୁରୁ ଏବଂ ଶିକ୍ଷକ ମଧ୍ୟରେ ଅନେକ ଫରକ୍
Jan
2023
23

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ-लक्ष्मीप्रिया बेहेरा

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ.. बिन बेटी के अगर ये दुनियाँ, खूबसूरत बन जाती!! तो फिर हमको जनम देने वाली माँ, आज ये धरती पर नहीं होती.. बिन पढ़ाई में अगर बेटियाँ घर पर रह जाते, तो फिर देश की पहली नागरिक राष्ट्रपति

Loading

Jan
2023
10

चाह नहीं अमर पद का-डा० सुरेश कुमार अग्रवाल

चाह नहीं अमर पद का मेरे हँसने से मिट जाये दुख दर्द किसी के तनका । सौ सौं साल हंसूँ जग में लोभादि त्याग मन का ॥ मेरे भूखे रहने से भर जाये पेट किसी जन का । भूखा की रहूँ जगत

Loading

Nov
2022
21

शिक्षा–लक्ष्मीप्रिया बेहेरा

❤‍🩹शिक्षा ❤‍🩹 जीवन को सरस,सुंदर और सरल बनाने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण होता है,वो है शिक्षा.. अज्ञान रूपक अन्धकार को दूर कर के जो प्रकाश फैला दे,वो है शिक्षा.. बुझी हुई आश मे जो विश्वास जगा दे ,वो है शिक्षा.. कोई

Loading

Nov
2022
19

वही है पुरूष–सुब्रत कुमार विश्वाल

*वही है पुरूष* 🍁🍁🍁🍁🍁 किसीके समझ में जो न आये, वही है पुरूष। नरम हृदय को जो पत्थर बना सके, वही है पुरूष। दर्द को छुपाकर जो हँस सके, वही है पुरूष। आँखों से जो आँसू बहने न दे, वही है पुरूष।

Loading

Nov
2022
17

हक़ तो नहीं है–सुब्रत कुमार विश्वाल

*हक़ तो नहीं है* हक़ तो नहीं है, किस हक़ से तुझे अपना कहूँ।। हक़ तो नहीं है, किस हक़ से तुझे प्यार जताऊँ।। हक़ तो नहीं है, फिर किस हक़ से तेरे पास मैं जाऊँ।। हक़ तो नहीं है, फिर किस

Loading

Nov
2022
17

समय मिले तो–सुब्रत कुमार विश्वाल

*समय मिले तो* समय मिले तो, रोज़ थोड़ा थोड़ा, मिलने आया करो न! हकीकत में न सही, सपनों में ही सही; तड़पता है दिल तुम्हारे बिना। रोज़ थोड़ा थोड़ा, मिलने आया करो न! आज भी दिल है, सुना सुना तुम्हारे बिना। रोज़

Loading

Sep
2022
10

आ थाम लूं तेरा हाथ — प्रियदर्शिनी मिश्र 

 आ थाम लूं तेरा हाथ   आ…थाम लूं तेरा हाथ कि तू कहीं गिर ना जाए, मेरे हाथ में दे तेरा हाथ कि दुबारा कहीं फिसल ना जाए । हमेशा हूं मैं तेरे साथ यह महसूस कर ले, हर खुशी हर गम

Loading

Jun
2021
23

*सवाल– बालिका सेनगुप्त*

**सवाल ** ********** रात दिन के रंग.. धूप और परछाई की पहने परिधान.. मुहब्बत और रूसवाई की..! तन्हा कतरनें धड़कनों के चंद दिल के किसी कोमल से कोने में दुबके..! सहमे ओढ़े लिहाफ़… ठिठुरते…! ठंडक और गर्माहट की प्रतिबिंबों को… करते प्रतिबिंबित

Loading

Nov
2020
17

और चलो साथ ढूंढें वो दीया – बालिका सेनगुप्ता

और चलो साथ ढूंढें वो दीया ************************* ज्ञान के शब्दों के दीपक जलाना दिलों को भाईचारे के मोम सा गलाना खुद भी जीना औरों को भी जीलाना बीती कटु अनुभवों के पटाखे तुम जलाना सबके उम्मीदों के दीपक जला सको ऐसे दीपक

Loading

Oct
2020
17

तुम्हे रासेश्वरी कहूँ या सुरसिका

तुम्हे रासेश्वरी कहूँ या सुरसिका तुम्हे रासेश्वरी कहूँ या सुरसिका अतुलनीय सौंदर्यसम्राज्ञी  या अनुपमेय प्रिया।। अग्नी में दाहरूपी, सूर्य में प्रभारूपी चंद्रमे शोभारूपी, कमलमे  शोभनारूपी ज्ञान समृद्धी संपत्ती सगुण यशबल सर्वशक्तिमान ‘भग’ रूपी भगवती तुम्हें रासेश्वरी कहू या सुरसिका अतुलनीय सौंदर्यसम्राज्ञी या

Loading

Jun
2020
27

जिबन तो जंग है

💪जिबन तो जंग है💪 ये सुनलो दुनिया बालो हम को गरीबी ना बोलो खुद कमा के खाते है तुमारे जेसे नहीं सबको लुटके लेते है यहाँ तो लुटेराका राज है ईमानदारी का लाइफ खलास है इस दुनिया से हाम को क्या मिला

Loading